शब ए बराअत की नफ्ल नमाज़ें
v दो रकात तहियतुल वुजू इस तरह पढ़ें कि हर रकात में सुरह फातिहा (अलहम्दु शरीफ) के बाद एक बार आयतल कुर्सी और तीन बार सुरह इखलास (कुल्हुवाल्लाह शरीफ) पढ़ें|
फज़ीलत:- हर कतरा पानी के बदले सात सौ रकात नफिल नमाजों का सवाब मिलेगा |
v दो रकात नमाज़ इस तरह पढ़ें कि हर रकात में सुरह फातिहा (अलहम्दु शरीफ) के बाद एक बार आयतल कुर्सी और पन्द्रह बार सुरह इखलास (कुल्हुवाल्लाह शरीफ) पढ़ें| सलाम फेरने के बाद सौ बार दुरूद शरीफ पढ़ें|
फज़ीलत:- रोज़ी में बरकत, रंजो गम से निजात, गुनाहों की बख्शीश और मगफिरत हासिल हो|
v आठ रकात नमाज़ (दो-दो रकात करके) इस तरह पढ़ें कि हर रकात में सुरह फातिहा (अलहम्दु शरीफ) के बाद पाँच बार सुरह इखलास (कुल्हुवाल्लाह शरीफ) पढ़ें|
फज़ीलत:- गुनाहों से पाक साफ़ होगा, दुआएं कुबूल होंगी, सवाब ए अज़ीम हासिल होगा|
v बारह रकात नमाज़ (दो-दो रकात करके) इस तरह पढ़ें कि हर रकात में सुरह फातिहा (अलहम्दु शरीफ) के बाद दस बार सुरह इखलास (कुल्हुवाल्लाह शरीफ) पढ़ें| बारह रकात पढ़ने के बाद दस बार कलमा ए तौहीद, दस बार कलमा ए तमजीद और दस बार दुरूद शरीफ पढ़ें|
v चौदह रकात नमाज़ (दो-दो रकात करके) इस तरह पढ़ें कि हर रकात में सुरह फातिहा (अलहम्दु शरीफ) के बाद जो सुरह चाहे पढ़ें|
फज़ीलत:- जो भी दुआएं मांगे कुबूल होंगी |
v चार रकात नमाज़ (एक सलाम से) इस तरह पढ़ें कि हर रकात में सुरह फातिहा (अलहम्दु शरीफ) के बाद पचास बार सुरह इखलास (कुल्हुवाल्लाह शरीफ) पढ़ें|
फज़ीलत:- गुनाहों से ऐसा पाक साफ़ हो जाये जेसे माँ के पेट से अभी पैदा हुआ हो|
v आठ रकात नमाज़ (एक सलाम से) इस तरह पढ़ें कि हर रकात में सुरह फातिहा (अलहम्दु शरीफ) के बाद ग्यारह बार सुरह इखलास (कुल्हुवाल्लाह शरीफ) पढ़ें| फिर इसका सवाब हजरत फातिमा ज़हरा की बारगाह में नज़र करें|
फज़ीलत:- कियामत के रोज जब तक खातून ए जन्नत शफाअत करवा के जन्नत में न भेज देंगी, खुद जन्नत में क़दम न रखेंगी |
रोज़े की फज़ीलत
रसूलल्लाह सल्ललाहू अलैही वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया कि जिसने शाबान में एक रोज़ा भी रखा उसको मेरी शफाअत हलाल हो गई | एक और हदीस में रसूलल्लाह सल्ललाहू अलैही वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया कि जिसने शाबान की पन्द्रह तारीख का रोज़ा रखा उसको जहन्नम की आग न छुएगी |