Tuesday, 2 August 2011

RAMZAN MUBARAK

Khuda ka Tohfa, 
Hamile quraan, 
Ibadato ki shan, 
Mahino ka sultan, 
Mubarak ho Apko, 
Mahe Ramzan.

RAMADAN MUBARAK

Wednesday, 13 July 2011

Shabe Baraat ke Nawafil



शब ए बराअत की नफ्ल नमाज़ें


v  दो रकात तहियतुल वुजू इस तरह पढ़ें कि हर रकात में सुरह फातिहा (अलहम्दु शरीफ) के बाद एक बार आयतल कुर्सी और तीन बार सुरह इखलास (कुल्हुवाल्लाह शरीफ) पढ़ें|
       फज़ीलत:- हर कतरा पानी के बदले सात सौ रकात नफिल नमाजों का सवाब मिलेगा |
v  दो रकात नमाज़ इस तरह पढ़ें कि हर रकात में सुरह फातिहा (अलहम्दु शरीफ) के बाद एक बार आयतल कुर्सी और पन्द्रह बार सुरह इखलास (कुल्हुवाल्लाह शरीफ) पढ़ें| सलाम फेरने के बाद सौ बार दुरूद शरीफ पढ़ें|
     फज़ीलत:- रोज़ी में बरकत, रंजो गम से निजात, गुनाहों की बख्शीश और मगफिरत हासिल हो|
v  आठ रकात नमाज़ (दो-दो रकात करके) इस तरह पढ़ें कि हर रकात में सुरह फातिहा (अलहम्दु शरीफ) के बाद पाँच बार सुरह इखलास (कुल्हुवाल्लाह शरीफ) पढ़ें|
      फज़ीलत:- गुनाहों से पाक साफ़ होगा, दुआएं कुबूल होंगी, सवाब ए अज़ीम हासिल होगा|
v  बारह रकात नमाज़ (दो-दो रकात करके) इस तरह पढ़ें कि हर रकात में सुरह फातिहा (अलहम्दु शरीफ) के बाद दस बार सुरह इखलास (कुल्हुवाल्लाह शरीफ) पढ़ें| बारह रकात पढ़ने के बाद दस बार कलमा ए तौहीद, दस बार कलमा ए तमजीद और दस बार दुरूद शरीफ पढ़ें|
v  चौदह रकात नमाज़ (दो-दो रकात करके) इस तरह पढ़ें कि हर रकात में सुरह फातिहा (अलहम्दु शरीफ) के बाद जो सुरह चाहे पढ़ें|
      फज़ीलत:- जो भी दुआएं मांगे कुबूल होंगी |
v  चार रकात नमाज़ (एक सलाम से) इस तरह पढ़ें कि हर रकात में सुरह फातिहा (अलहम्दु शरीफ) के बाद पचास बार सुरह इखलास (कुल्हुवाल्लाह शरीफ) पढ़ें|
      फज़ीलत:- गुनाहों से ऐसा पाक साफ़ हो जाये जेसे माँ के पेट से अभी पैदा हुआ हो|
v  आठ रकात नमाज़ (एक सलाम से) इस तरह पढ़ें कि हर रकात में सुरह फातिहा (अलहम्दु शरीफ) के बाद ग्यारह बार सुरह इखलास (कुल्हुवाल्लाह शरीफ) पढ़ें| फिर इसका सवाब हजरत फातिमा ज़हरा की बारगाह में नज़र करें|

         फज़ीलत:- कियामत के रोज जब तक खातून ए जन्नत शफाअत करवा के जन्नत में न भेज देंगी, खुद जन्नत में क़दम न रखेंगी |

रोज़े की फज़ीलत
 
 
रसूलल्लाह सल्ललाहू अलैही वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया कि जिसने शाबान में एक रोज़ा भी रखा उसको मेरी शफाअत हलाल हो गई | एक और हदीस में रसूलल्लाह सल्ललाहू अलैही वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया कि जिसने शाबान की पन्द्रह तारीख का रोज़ा रखा उसको जहन्नम की आग न छुएगी |


Tuesday, 24 May 2011

Wallpapers










Tune Batil Ko Mitaya


 
Tu ne batil ko mitaya hai Imam Ahmad Raza
Deen ka danka bajaya hai Imam Ahmad Raza

Duur-e-batil aur zalalat Hind me tha jis ghadi
Tu mujaddid ban ke aaya e Imam Ahmad Raza

Ahle Sunnat ka chaman ujda huwa veeran tha
Pheer utha tu jab ke aaya e Imam Ahmad Raza

Tu ne baatil ko mita kar deen ko baqshdi jila
Sunnato ko phir jilaya e Imam Ahmad Raza

E Imam Ahle Sunnat naibe Shahe Umam
Kijiye hum par bhi saya e Imam Ahmad Raza

Hashr tak jari rahega faiz Aaqa aap ka
Faiz ka dariya bahaya e Imam Ahmad Raza


Ala Hazrat








Daf'atan zahen me ehteraam agaya
Ala Hazarth ka lab par jo naam agaya

Kya arab kya ajam sab ke sab keh uthay
Ahle Sunnat ka dekho Imam agaya

Yeh hai ehsaan-e-Ahmed Raza sunniyo
Hum ko padhna Darood o Salaam agaya

Najdiyat munh ko apne chupane lagi
Ru ba ru jab Raza ka Kalaam agaya

Hashr me dekh kar mujh ko rizwaan kahe
Dekho Dekho Raza ka ghulaam agaya

Manqabat Naat likhna tufail-e-Raza
Tere Hisse me khalid yeh kaam agaya

 
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